हम आध्यात्मिक सोच को इस उदाहरण से समझ सकते हैं। हम सभी ने दीवाली मनाई, हम सब खुश हुए इसका हमारे स्वास्थ्य पर अच्छा असर हुआ। लेकिन इस खुशी में हमने पटाखे जलाये, अत्यधिक शोर मचाया, इससे प्रदूषण हुआ, इसका हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर हुआ, कुछ बीमार लोग हमारी खुशी मनाने के तरीकों से बहुत परेशान हुए, पशुओं को पटाखों के शोर से बहुत परेशानी हुई।
इस वास्तविकता में हम दो विचारों से रूबरू हुए।
पहला विचार - हमें पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए, क्योंकी ये पर्यावरण को, हमारे स्वास्थ्य को एवं बीमार लोगों को नुकसान करता है।
दूसरा विचार - दीवाली हमारा त्योहार है, ये पटाखों की एवं शोर की बात दीवाली में ही क्यों उठती है, अन्य लोग भी ऐसे शोर मचाते हैं, पटाखे छोड़ते हैं, तब तो पर्यावरण की चिंता नहीं करते।
इन दोनों विचारों में निश्चित तौर पर पहला विचार दूसरों के हित से जुड़ा है, मतलब मानवीय है। जबकि दूसरा विचार आत्मकेंद्रित है, जिसमे हम अपने कार्य को, ये अच्छी तरह से जानते हुए भी कि, ये किसी भी तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए एवं मानवता के लिए ठीक नहीं है, उसको सही शिद्ध करने को आतुर हैं।
अतः पहला विचार आध्यात्मिक है। दूसरा विचार धार्मिक ओर सांस्कृतिक है। आप अगर गहराई में जाएं तो पाएंगे कि पहला विचार हमारी संस्कृति एवं धर्म का मूल है जहां हम कहते हैं "परहित सरस धरम नहीं भाई" या "सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे शन्तु निरामयाः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कसचिद दुःख भा भवेत।"
पहला विचार याने कि आध्यात्मिक विचार हमारे धर्म की रीढ़ है, लेकिन इसके अन्य विचार जैसे कि पटाखे फोड़ना, शोर करना आदि धार्मिकता को जाहिर करने का माध्यम मान लिए जाते हैं, जिसमे हम शिर्फ़ ओर सिर्फ अपने को ही सही मानने लगते है जबकि वास्तविकता में हम अपने ही धर्म के मूल विचारों का उल्लंघन कर रहे होते हैं।
अतः आध्यात्मिक विचार हमारे धार्मिक विचारों के मूल में हैं, लेकिन हमारे धार्मिक विचार आध्यात्म नहीं है, ये बिल्कुल आध्यात्मिकता के उलट भी हो सकते हैं। अतः हम अपने धार्मिक विचारों में आध्यात्म देखेंगे तो हमे शांति, खुशी एवं अच्छा स्वास्थ्य मिलेगा, जैसा कि इस उदाहरण में हम देखते हैं।
हमें उम्मीद है कि आपने पटाखे नहीं जलाये होंगे, अपने बच्चों एवं रिश्तेदारों से भी कहा होगा कि पटाखे न छोड़ें। यदि आपने इस समय पटाखे जलाये तो अगली बार आप नहीं जलाएंगे। इसी उम्मीद के साथ आपको एवं आपके परिवार को
बहुत बहुत शुभकामनायें।
#SpiritualHealth
Dr Mahesh Bhatt
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